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one rank one pension का मतलब है कि एक ही रैंक और सेवा की बराबर अवधि से सेवानिवृत्त सैनिकों को एक ही पेंशन मिलेगी, भले ही वे कभी भी सेवानिवृत्त हों। वन रैंक वन पेंशन से पहले, पूर्व सैनिकों को वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार पेंशन मिलती थी, जब वे सेवानिवृत्त हुए थे। उत्तर प्रदेश और पंजाब में OROP लाभार्थियों की संख्या सबसे अधिक है। सशस्त्र बल के वो लोग 30 जून 2014 तक सेवानिवृत्त हुए थे, वे इसके अंतर्गत आते हैं।
आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे one rank one pension के बारे में जिसको OROP भी कहा जाता है। इस आर्टिकल के माध्यम से समझने की कोशिश करेंगे की आखिर इसकी जरूरत क्यों पड़ी , इसके लाभ क्या है , इसको लाने के पीछे की पृष्ठ्भूमि क्या है और सुप्रीम कोर्ट ने वन रैंक वन पेंशन के बारे में क्या बोला है। इन सभी बातों पर आगे इस आर्टिकल में विस्तार से चर्चा करेंगे।
One rank one pension Highlights
योजना का नाम | one rank one pension |
किस ने लांच की | केंद्र सरकार ने |
घोषणाकर्ता | माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी |
लाभार्थी | Ex-Servicemen (defense) |
उद्देश्य | सैनिकों को वर्तमान और पिछले पूर्व-लाभों के बीच की खाई को पाटना |
आधिकारिक वेबसाइट | Click Here |
साल/ Year | १ जुलाई 2014 से प्रभावी |
योजना लेवल | केंद्र स्तरीय |
ONE RANK ONE PENSION Yojana
भूतपूर्व सैनिकों की one rank one pension की मांग लगभग 40 वर्षो से चली आ रही थी। केंद्र सरकार ने भूतपूर्व सैनिकों की इस मांग को 2014 में मानकर १ जुलाई 2014 से इसको प्रभावी बना दिया। इससे पहले 1973 तक वन रैंक वन पेंशन लागू थी पर 1973 में केंद्र सरकार द्वारा one rank one pension को बंद कर दिया गया था , तभी से लगातार भूतपूर्व सैनिक इसको मांग कर रहे थे। एक बार तो सैनिकों ने मांग न माने जाने पर अपने पदक और सम्मान को वापस भी करने का निर्णय ले लिया था। अभी भी यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है।
One rank one pension Pillars/ components
- OROP का अर्थ है समान पेंशन, समान रैंक के लिए, समान सेवा अवधि के लिए, सेवानिवृत्ति की तारीख की परवाह किए बिना।
- बकाया का भुगतान चार अर्ध-वार्षिक किश्तों में किया जाएगा।
- हालांकि, युद्ध विधवाओं सहित सभी विधवाओं को उनका बकाया एकमुश्त दिया जाएगा।
- आने वाले समय में हर पांच साल के बाद में पेंशन की राशि फिर से तय की जाएगी।
- OROP से पहले, पूर्व सैनिकों को वेतन की सिफारिशों के आधार पर पेंशन का भुगतान किया जाता था। जिस समय से सेवानिवृत्त हुए उस समय आयोग।
Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana 2022
One rank one pension Important Points
- OROP प्रणाली में स्वेच्छा से सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को शामिल नहीं किया जाएगा।
- OROP से पहले, पूर्व सैनिकों को वेतन की सिफारिशों के आधार पर पेंशन का भुगतान किया जाता था जिस समय वे सेवानिवृत्त हुए उस समय के आधार पर।
- इस अवधारणा को 1973 में इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार के तत्कालीन निर्णय से हटा दिया गया था।
- 1971 के बांग्लादेश युद्ध में जीत के 2 साल बाद वन रैंक वन पेंशन को हटा दिया गया था।
One rank one pension के लाभ
- समान रैंक के सैनिकों को समान पेंशन।
- इससे पुराने Ex-Servicemen का मनोबल भी बढ़ेगा।
- युवा जो नए सैनिक है उनको भी इसका लाभ मिलेगा।
- Ex-Servicemen की पुरानी पेंशन में बढ़ोतरी।
One rank one pension की चुनौतियां
- सरकार को इससे बहुत ज्यादा वित्तीय बोझ बढ़ जायेगा।
- पुराने Ex-Servicemen के रिकार्ड्स का अभाव।
- अन्य जो अर्धसैनिक बल है उनके द्वारा भी वन रैंक वन पेंशन की मांग की जा रही है।
One rank one pension में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय
OROP के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने कहा की इससे संबंधित कोई कानून नहीं है और यह सरकार की नीतियों के अंतर्गत आता है , इसलिए इस पर हम कोई निर्णय नहीं ले सकते है। फिर भी अगर इससे सम्बंधित कोई संवैधानिक उल्लंघन किया जाता है तो उस पर हम जरूर सुनवाई करेंगे।
वन रैंक वन पेंशन कब लागू हुई ?
१ जुलाई 2014 से प्रभावी
one rank one pension कितने वर्षों के अंतराल में तय की जाएगी ?
हर पांच साल में